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कदम - लेखनी प्रतियोगिता -03-Mar-2022

मिला था जीवन में मुझे कदम-कदम पर प्यार
जब से मैंने पाया था इस धरती पर बाल अवतार।

ज़िंदगी के हर कदम पर साथ रहीं मेरी माँ प्यारी
जिसने बचपन से हर हरकत पर मेरी नजर उतारी।

लगाकर काला टीका सदा मुझे बुरी नजर से बचाया
जब भी मेरी आँख खुली, मुस्कुराते चेहरे को पाया।

परछाई के समान पिता भी बन गए थे मेरा साया
हर कदम पर मेरे कष्टों को उन्होंने अपना बनाया।

दिन-रात उनके दिल में रहती थी बस मेरी ही चिंता
उनके मार्गदर्शन से आई मेरे अंदर कार्यकुशलता।

उंगली पकड़कर एक-एक कदम चलना सिखाया
कभी डाँट, कभी प्यार से मुझे आत्मनिर्भर बनाया।

बहन चुन्नी थी छोटी पर स्वभाव से बड़ी नटखट
हर बुरे व्यक्ति से हो जाती थी उसकी खटपट।

जो भी मेरी तरफ गलत इरादे से नजर था उठाता
चुन्नी के शिकंजे में फँसता, मुश्किल से बच पाता।

घर से निकली जब, मिला कदम-कदम पर जाल
छल छद्मों में फँसकर जब मैं होने लगी बेहाल।

तब बड़े भाई ने बोला आंसू से भरे पोछ मेरे गाल
रुको ना, कदम बढ़ाओ, समयानुसार चलो चाल।

मिलता रहा सबका साथ, चाँद को छूना चाहे हाथ
तूफानों के पार पर्वतों को लाँघने को कदम उठाया।

घने अंधेरे का आगोश भी अब मुझे रोक न पाया
अपने हर एक कदम में मैंने नेकी को संग पाया।

कदम-कदम पर मिलती रही सफलता बाँहें फैलाए
मैंने भी अपने दिल में अनेक सुनहरे सपने सजाए।

एक दिन पिया जीवन के राजकुमार बनकर आए
मेरे हर कदम पर उन्होंने महकते फूल थे बिखराए।

डर था आगे बढ़ते कदमों पर विराम न लग जाए
कहीं ये रीति-रिवाज मेरे मार्ग में रोड़े न अटकाये।

पर साजन ने पल में मेरे इस डर को दूर भगाया
मेरे सपनों के साथ कुछ नए सपने भी दिखाया।

मिला साथ साजन का सपनों ने पाई नई उड़ान
कदम-कदम पर साथ चले प्रिय बने मेरी शान।

पाकर एक सच्चा जीवन साथी मिली नई पहचान
पति संग वह दोस्त बना, किया सदा मेरा सम्मान।

हमने मिलकर मानवता की ओर दो कदम बढ़ाए
गरीब बच्चों के विकास हेतु नये स्कूल खुलवाए।

स्कूल में देखकर बच्चों के चेहरे की मुस्कान खिली 
मुझे लगा आज मेरे कदमों को एक नवीन गति मिली।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल

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10 Comments

Punam verma

04-Mar-2022 05:07 PM

Nice

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Abhinav ji

04-Mar-2022 09:09 AM

Nice👍

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Swati chourasia

04-Mar-2022 06:48 AM

Very beautiful 👌

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